भारत में पिछले 5 साल के समय 3.4 लाख बच्चे गायब
बच्चा चोरी के आंकड़े में गायब 75% बेटियां हुई
भारत देश में काफी समय से बच्चा चोरी करने की घटना आए दिन सामने आ रही है। देश के कई राज्यों में बच्चा चोरी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। राज्यों में अलग-अलग बच्चा चोरी के गिरोह सक्रिय हैं। सोशल मीडिया पर कई वायरल वीडियो भी मौजूद हैं जिसमें कैसे गिरोह के सदस्य बच्चों को चुरा कर ले जाते हैं। इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत हैं। इस के आलावा ऐसे भी वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद हैं जिनमें बच्चा चोरी के आरोप में कई बार निर्दोष लोगों को बुरी तरह से पीट कर मार दिया जाता हैं। हालांकि हर साल बच्चे चोरी के मामले बढ़ना बहुत ही चिंता पैदा करता हैं। मीडिया में प्रकाशित हो रही खबरों को देख कर पता चलता है कि गिरोह अपने अपने तरीके से बच्चा चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। देश में ऐसे बहुत से मामले सामने आये हैं जिनमें गिरोह के सदस्य अस्पताल और तमाम सार्वजनिक स्थानों से बच्चा चोरी करते हैं। बच्चा चोरी के मामलों में महिलायें भी शामिल होती हैं। इसी के साथ भारत के शहरों में इन दिनों स्कूली बच्चों को किडनैप करने के गैंग भी एक्टिव है। यह गैंग विशेष तरीके से बच्चा चोरी के अपराध कर रहे हैं। गैंग के सदस्य स्कूली बच्चों को टॉफी, बिस्किट, चॉकलेट दिलाने का लालच देकर बहला फुसला कर किडनैप कर लेते हैं। कई मामलों में गैंग के लोग स्कूली बच्चों को सड़क पार कराने के नाम पर अपने साथ ले जाते है। देश के साउथ इलाकों में इस तरह की वारदातें लगातार सामने आ रही हैं। इसी तरह कई गिरोह के लोग गरीब परिवारों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं। शहरों और गांवों में ऐसे गिरोह पूरी तरह से एक्टिव है। गिरोह के लोग गरीब परिवारों को लालच देकर नवजात बच्चे खरीद लेते हैं और बड़े परिवारों को मोटी रकम लेकर बच्चे गैरकानूनी ढंग से बेच देते हैं। बच्चे की खरीद फ़िरोद में किसी भी कानूनी की प्रक्रिया का फालो नहीं किया जाता।
पंजाब के पटियाला में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जो नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त का धंधा करते हैं। यह गिरोह पिछले 6 महीने में 6 नवजात बच्चों को बेच चुके हैं। इसमें 4 नवजात लड़कियां हैं। इसके कारण का खुलासा गिरोह के सदस्यों की बात से हुआ। गिरोह के अनुसार नवजन्मी बच्ची की कीमत ज्यादा मिलती हैं। बच्चा खरीदने वाला परिवार मानता हैं कि लड़कियां बालिग होने के बाद अडॉप्ट करने की जानकारी मिलने के बाद भी परिवार को छोड़ कर नहीं जाती। दूसरी तरफ लड़के को अगर इस बारे में किसी तरह पता चल जाये तो वह परेशान करने लगता हैं। इन्हीं कारणों के चलते परिवार नवजन्मी लड़कियों को ज्यादा पसंद करते हैं। पटियाला पुलिस ने दो महिलाओं सहित गिरोह के 7 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाले आरोपियों से दो नवजात बच्चों को भी बरामद किया गया हैं। इसी के साथ 4 लाख रूपये की नकद राशि और इनोवा एम्बूलैंस और दो कारें भी बरामद हुई हैं। पटियाला में पकड़े गये गिरोह के सदस्य गरीब लोगों से उनके बच्चे खरीद कर आगे बड़े जरूरतमंदों को मोटी रकम में बेचते थे। मीडिया की खबरों के मुताबिक गिरोह ने यह भी कबूला है कि वह अब तक आधा दर्जन बच्चें की खरीद-फरोख्त कर बेच चुके हैं। वह लोग गरीब परिवारों को कम रूपये देकर बच्चे खरीद लेते थे। उसके बाद बड़े परिवारों से मोटी रकम लेकर बच्चे गैरकानूनी ढंग से बेचते थे। पटियाला पुलिस के अनुसार गिरोह के सदस्यों का अदालत से इनका रिमांड लेकर गहनता से पूछताछ की जाएगी। इस मामले में लीगल एक्सपर्ट से भी राय ली जा रही है ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके।
NATIONAL CRIME RECORDS BUREAU की रिपोर्ट के मुताबिक, लड़कियों के लापता होने के आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं। रिपोर्ट में बताया गया हैं कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, छत्तीसगढ, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश के इलाकों में गायब बच्चों में सबसे ज्यादा बेटियों की संख्या रही हैं। आंकड़े बता रहे हैं देश के विभिन्न राज्यों में 80 % छोटी उम्र की बेटियां गायब हुई हैं। इस रिपोर्ट पर पटियाला में पकडे गये गिरोह के कबूलनामे की उस बात पर मोहर लगाती हैं। जिसमें गिरोह के सदस्य बताते हैं कि चोरी की गई नवजन्मी लड़कियों की अच्छी कीमत मिलती हैं। नवजन्मी बच्ची को खरीदने वाले मानते हैं कि बच्चियां हकीकत पता लगने पर भी छोड़ कर नहीं जाती। साल 2021 में 77,535 बच्चों की मिसिंग के मामले दर्ज किये गये। सबसे हैरानी वाली बात यह हैं कि कोरोना महामारी के समय भी 59,262 बच्चे लापता हो गये। सबसे हैरानी वाली बात यह हैं कि कोरोना महामारी के समय भी 59,262 बच्चे लापता हो गये। देश में कई मामले तो किसी न किसी कारण सामने नहीं आ पाते। पंजाब के बंठिडा में सरकारी अस्पताल से चार दिन के नवजात बच्चे को दो महिलाओं ने चोरी कर लिया। पुलिस ने दो दिन बाद चोरी हुये नवजात बच्चे को बरामद कर लिया। इसमें दो महिलाओं को भी पकड़ लिया गया। लेकिन यह एक सच्चाई हैं कि ज्यादातर मामलों में सफलता नहीं मिलती। ऐसे गिरोह चोरी किये बच्चों को अन्य राज्यों में भी बेच देते हैं और बच्चों को एक से आठ लाख रुपये तक बेचा जाता हैं।
इसी तरह मथुरा रेलवे स्टेशन से बच्चा चोरी गैंग का खुलासा हुआ। इस गैंग के मामले में जो खुलासे हुये उसने हर किसी को हैरान कर दिया। मथुरा रेलवे स्टेशन की Government Railway Police ने गिरोह से पूछताछ की गई तो गिरोह के सदस्यों ने बताया कि वह 15 के करीब बच्चों को बेच चुके हैं। पता चला हैं कि गिरोह काफी लंबे समय से मानव तस्करी कर रहा हैं। इस गिरोह से देश की सत्ताधारी पार्टी की पार्षद विनीता अग्रवाल ने भी एक चोरी किया गया बच्चा खरीदा था। मामला उजागर होने के बाद भाजपा हाईकमान ने चोरी का बच्चा खरीदने वाली पार्षद विनीता अग्रवाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पुलिस ने गिरोह में शामिल हाथरस इलाके के डॉक्टर दंपती समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इसी के चलते फिरोजाबाद की पार्षद भी जेल भेज दिया गया। मिडिया की खबरों से यह भी पता चला है कि इस गिरोह में स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। मानव तस्करी के मामले में पकड़े आरोपी चिकित्सक दंपती का स्वास्थ्य विभाग रिकॉर्ड खंगाल रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुये पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों के चेहरों को बेनकाब करने के लिए विशेष जांच टीम बनाई गई। माना जा रहा है कि इस गिरोह में 150 से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं।
NATIONAL CRIME RECORDS BUREAU के आंकड़ों के मुताबिक, भारत देश के विभिन्न राज्यों में पिछले 5 सालों के भीतर 3.4 लाख से ज्यादा बच्चों की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज की गई है। पिछले 5 सालों में 3.4 लाख से अधिक मामले दर्ज किये गये, इससे पता चलता हैं कि हर साल औसतन 68,000 बच्चे गायब हो हुए। भारत सरकार के लिये ये चिंता का विषय बन चुका है। इसी तरह साल दर साल बच्चा चोरी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 में 63,339 बच्चों के चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई। जबकि यह आंकड़ा साल 2021 में बढ़कर 77,535 बच्चों की मिसिंग रिपोर्ट तक पहुँच गया। इन्हीं आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश राज्य में साल 2021 में सबसे ज्यादा कुल 11,607 बच्चे चोरी हुए। वहीं पश्चिम बंगाल में 9,996 और तमिलनाडु में 6,399 बच्चे चोरी किये गये। इसी के चलते दिल्ली में 5,772 और राजस्थान में 4,936 बच्चे गायब हो गए। लगभग 50% से ज्यादा मामले सिर्फ इन्हीं राज्यों में दर्ज किए गए हैं। NATIONAL CRIME RECORDS BUREAU की रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया कि इन मामलों में सबसे अधिक 75% बेटियां गायब हुई है। इस के आलावा बच्चा चोरी के मामलों के आंकड़े बताते हैं कि उड़ीसा में (84.86%), छत्तीसगढ़ (87.4%), पश्चिम बंगाल (84.81), बिहार (84.53%), पंजाब (84.31%), राजस्थान (83.73%) हिमाचल प्रदेश (81.25%), मध्य प्रदेश (81.5%) और आंध्र प्रदेश (80.3%) इन राज्यों में सबसे ज्यादा बच्चों में बेटियों के गायब होने का प्रतिशत 80% से अधिक है।
भारत देश में बच्चा चोरी के कई गिरोह हैं, जिनमें महिलायें मास्टर माइंड हैं। ऐसे मामले मीडिया में भी सामने आते रहते हैं। अलवर में बच्चे खरीदकर बेचने वाली मास्टरमाइंड महिला को पुलिस ने पकड़ा। पुलिस जांच में इस महिला का राजस्थानी नेटवर्क भी सामने आया था। यह गिरोह बच्चा चोरी कर व गरीब लोगों से खरीदकर अमीर लोगों को बेचने का अवैध धंधा करता था। वाले गिरोह के अलवर में इन बच्चों को खरीदकर आगे बेचने वाले गिरोह की मास्टरमाइंड महिला व उसके साथी को अरेस्ट किया गया है। मिडिया खबरों के मुताबिक महिला के साथी से 7 महीने की बच्ची भी मुक्त कराई गई। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ये बच्ची नवंबर महीने में 1 लाख रुपये में खरीदी गई थी। गिरोह इसे बेचने के प्रयास कर रहा था। लेकिन कोई सही खरीदार नहीं मिला। देश में बच्चा चोरी को रोकने के कानून के बारे में लोगों का जागरूक होना भी बहुत जरूरी है। आमतौर पर मॉब लिंचिंग के मामलों में एक कारण बच्चा चोरी भी होता है। भीड़ बच्चा चोर को घेर लेती है और इतनी बेरहमी से उसकी पिटाई की जाती है कि उसकी मृत्यु हो जाती है। आम जनता को यह पता होना चाहिये कि सामान की चोरी एवं बच्चों की चोरी दो अलग-अलग तरह के अपराध है। बच्चों की चोरी करने वाले को आजीवन कारावास ही मिलता है। लोगों को बच्चा चोर को पीटने की जगह उसको पकड़कर पुलिस के हवाले करना चाहिये।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 310 की परिभाषा:-
जो कोई व्यक्ति या अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर निम्न कृत्य करेंगे :-
- किसी भी यात्रियों के साथ रास्ते में हत्या कर के लूटपाट करेगा।
- घरों में घुसकर हत्या द्वारा लूटपाट करना।
- बच्चो की चोरी करना आदि।
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