Amritpal Singh Biography : आखिर अमृतपाल सिंह कौन है ?
पंजाब में खालिस्तानी और अलगाववादी आंदोलन समय-समय पर उजागर होते रहते हैं। साल 2021 के समय पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू जो कि ‘वारिस पंजाब दे’ नामक सिख समर्थन संगठन के प्रमुख थे, इन्होने पूरे राज्य में जगह-जगह पर दंगा करके राज्य तथा देख की शांति भंग की और बहुत बड़ा बबाल काटा था। इनके खिलाफ कानूनी कारवाही भी चली, अंत में दीप सिद्धू की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गयी। उसके बाद एक नाम सामने आता है अमृतपाल सिंह आखिर अमृतपाल सिंह कौन है ? आज हम इसी के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।
अमृतपाल सिंह पंजाब अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। अमृतपाल का जन्म 18 जनवरी 1993 को हुआ था। इनके पिता का नाम तरसेम सिंह तथा माता का नाम बलविंदर कौर है, अमृतपाल का एक बड़ा भाई है और इनकी 2 जुड़वाँ बहनें है। अमृतपाल ने 12वीं तक पढाई की और उसके बाद ये दुबई चला गया। जहाँ पर उसने ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू किया। जब किसान आंदोलन शुरू हुआ था उस समय यह दीप सिद्धू जो कि वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख थे इनके सम्पर्क में आया था। इनकी कभी मुलाक़ात नहीं हुई सिर्फ इंटरनेट के जरिये ये एक दुसरे से जुड़े रहे।
फिर अचानक अमृतपाल सामने आया, इस नाम को पहले न कभी किसी ने सुना न ही किसी भी आंदोलन में इसे देखा गया। यहाँ तक कि जिस संगठन (वारिस पंजाब दे) के ये प्रमुख है उसमें भी इन्हें कभी नहीं देखा गया है। कुछ महीने पहले अजनाला पुलिस स्टेशन में बहुत बड़ी संख्या में हथियारों से लेस लोगों ने पुलिस स्टेशन पर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस स्टेशन में हंगामा करने वालों में हजारों की संख्या में लोग थे। इन सभी लोगों ने बैरिकेड्स तोड़कर स्टेशन में बेखौफ हंगामा किया। भीड़ ने बन्दूक, लाठियां, तलवारें चलाना शुरू कर दिया, जिसमें कई पुलिस गंभीर जख्मी भी हुए। ये हंगामा इसलिए शुरू हुआ क्योंकि अमृतपाल सिंह के साथी लवप्रीत तूफान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जिसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया। यहीं से अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) का नाम सुर्खियों में आता है।
वारिस पंजाब दे एक सिख समुदाय का संगठन है, जिसका मकसद है पंजाब के अधिकारों की रक्षा करना तथा युवाओं को जागृत कर सिख धर्म के मार्ग पर लाना। इसकी असली उद्देश्य पंजाब की आजादी के लिए लड़ना है। इस संगठन की स्थापना पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने 30 सितम्बर 2021 में की थी। दीप सिद्धू तब चर्चा में आते हैं जब इन्होने किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा की और खालिस्तानी झंडा फहराया। उसके कुछ समय पश्चात इनकी कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई। दीप सिद्धू खालिस्तानी आंदोलन चलने वाले जरनैल सिंह भिंडरांवाले का समर्थक था। दीप सिद्धू की मृत्यु के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह बनता है जिसकी खबर किसी को भी नहीं यहाँ तक कि दीप सिद्धू के परिवार वाले भी अमृतपाल सिंह को नहीं जानते। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह अब इस संगठन को चलाता है और एक अलग सिख राज्य की मांग करता है।
अब वारिस पंजाब दे संगठन की कमान अमृतपाल सिंह के हाथ में है। यह कमान उसे खालिस्तानी विद्रोही जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव में सौंपी गई थी। भिंडरावाले को ही 80-90 के दशक में पंजाब में आतंकवाद को चरम पर पहुंचाने का जिम्मेदार माना जाता है। अमृतपाल सिंह खुद को खालिस्तानी आतंकी जनरैल सिंह भिंडरावाले का ही अनुयायी होने का दावा करता है। हालांकि, दीप सिद्धू का परिवार यह मानता है कि अमृतपाल सिंह खालिस्तान के नाम पर सिख युवाओं को गुमराह कर रहा है।
अमृतपाल सिंह ने 10 फ़रवरी को किरणदीप कौर के साथ विवाह किया। शादी से पहले किरणदीप यूके में रहती थी। मीडिया में आई एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, अमृतपाल की पत्नी किरणदीप यूके में रहते हुए वह बब्बर खालसा इंटरनेशनल नाम के आतंकी संगठन के लिए काम कर चुकी है। वह यूके में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के लिए फंड इकट्ठा करती थी। वर्ष 2020 में उसे पांच अन्य साथियों सहित वहां की सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लिया था। वहां भी उससे पूछताछ भी हुई थी।