भारतीय संविधान को खारिज कर चुका है अमृतपाल ?
अमृतपाल सिंह की घेराबंदी तेज कर दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने BSF और SSB हेड को पाकिस्तान से सटे इलाकों में अलर्ट रहने के लिए कहा है. दरअसल संभावना ये है कि वारिस पंजाब डी प्रमुख अमृतपाल सिंह संधू (Waris Punjab De chief Amritpal Singh Sandhu) सीमा पार कर सकता है। अमृतपाल सिंह पर पंजाब में अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्वयंभू कट्टरपंथी सिख उपदेशक और वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh ) भगोड़ा है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक अमृतपाल नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर फिदायीन हमलावर तैयार कर रहा था। वह आतंकियों को तैयार कर रहा था। सब कुछ ISI के इशारे पर हो रहा था। पाकिस्तान से गैरकानूनी हथियार मंगवाकर इन्हीं सेंटरों में स्टोर किया जा रहा था। जिसके जरिए ही वह आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) तैयार कर रहा था। सब कुछ अमृत संचार के नाम पर किया जा रहा था।
अमृतपाल का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से लिंक सामने आया है। अमृतपाल के प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के हैंडलर होने का भी इनपुट है। 1980 में बना BKI भारत और इंग्लैंड में आतंकी संगठन घोषित है। ये कनाडा, जर्मनी और इंग्लैंड में सबसे ज्यादा एक्टिव है। BKI के ज्यादातर मेंबर्स पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं। वो ISI के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसी आधार पर पंजाब पुलिस की जालंधर रेंज के DIG स्वप्न शर्मा ने कहा है कि अमृतपाल के लिंक ISI से जुड़ रहे हैं। जानकारी मिली है कि अमृतपाल 10 साल दुबई में था। BKI का हैंडलर बनकर ही 2022 में पंजाब लौटा।
अमृतपाल सिंह ने लोगों में अलग पहचान बनने के लिए भड़काऊ भाषण देने शुरू कर दिए। उसने सिखों से कहा, वे देश के कानून पर भरोसा नहीं करें। वह गुरु से निर्देश लेने पर जोर देता है। गुरु के नाम पर, वह सिख संगत द्वारा पालन किए जाने वाले हुकुमनामा के रूप में अपने स्वयं के दृष्टिकोण देता है जो आम तौर पर देश के कानून के अनुरूप नहीं होते हैं। उसके समर्थकों ने बुजुर्गों और विकलांग लोगों के बैठने के लिए कुछ फर्नीचर रखने की परंपरा का पालन करने के लिए दो गुरुद्वारों में तोड़फोड़ की। वह खुद को श्री गुरु ग्रंथ साहिब से श्रेष्ठ मानता है। अमृतपाल ने भारतीय संविधान को खारिज करते हुए कहा, भारत के संविधान को अपनाकर भारत ने भले ही खुद को गणतंत्र घोषित कर दिया हो, लेकिन उक्त संविधान और कुछ नहीं बल्कि सिखों की गुलामी को कायम रखने का एक तरीका है। उन्होंने सिखों के लिए एक अलग संविधान बनाने की वकालत की। ‘हिंदुस्तान का संविधान जबसे लागु हुआ है, सिक्खों के हक ही मारे गए। हम अपना संविधान लागु करेंगे’। जब उसने ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख की कमान संभाली तो वह कार्यक्रम भिंडरावाले के पैतृक गांव रोडे में हुआ था।
अमृतपाल सिंह गुरुद्वारों और अकाल तख्त का अनादर (सर्वोच्च लौकिक सीट) करने लगा था। उसने जत्थेदार अकाल तख्त को, गुरु ग्रंथ साहिब को धरना स्थल पर ले जाने के लिए उसके खिलाफ बनाई गई कमेटी को लेकर धमकी दे दी थी। वह सिख मर्यादा का पालन किए बिना खुद हुकुमनामा देने लगा। उसने पंज प्यारों को लेकर चली आ रही सिख परंपरा का विरोध किया। वह खुद को सिख धर्म का एकमात्र रक्षक मानने लगा था। गुरुद्वारे से संबंधित कमेटी को बिना लूप में लिए उसने गुरुद्वारों की संपत्ति को तोड़ना शुरु कर दिया। रिपोर्ट में सामने आया है कि अवतार सिंह (खालिस्तानी आतंकवादी जगतार सिंह तारा का करीबी सहयोगी) को अमृतपाल सिंह का मुख्य संचालक और दिमाग बताया जाता है। जगतार सिंह, बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े परमजीत सिंह पम्मा का करीबी है। उसे मालूम है कि सिख युवाओं को गुमराह करने के लिए किस तरह से उनके लिए सैद्धांतिक कट्टरपंथी प्रशिक्षण कक्षाएं आयोजित की जाती हैं। पंजाब को अस्थिर करने के लिए वह अमृतपाल सिंह का इस्तेमाल कर रहा है। इस टोली के सदस्यों ने बर्मिंघम और ग्लासगो में लाइव प्रदर्शन कर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस ‘आईईडी’ बनाने की कोशिश की है। अमृतपाल के लखबीर सिंह रोडे (प्रमुख, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन) के साथ भी संबंध हैं। रोडे पर, हथियारों की तस्करी और देश में बड़े नेताओं पर हमला करने की साजिश रचने का भी आरोप है।
केंद्र को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अमृतपाल ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की आड़ में अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान को पुलिस गिरफ्त से छुड़ाने के लिए 23 फरवरी को अजनाला थाने पर हमला बोल दिया था। उस वक्त पंजाब पुलिस पर कार्रवाई न करने के आरोप लगे थे। हालांकि पुलिस ने बहुत चतुराई से वह मामला संभाला था। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की मर्यादा का ख्याल रखते हुए पुलिस ने स्थिति को अधिक बिगड़ने से रोक दिया। निजी स्वार्थों के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का उपयोग करना, अमृतपाल के इस कृत्य की पूरे सिख समुदाय ने निंदा की थी। गुरु साहिब के अनादर की जांच करने का आदेश दिया गया। इसके बाद अमृतपाल ने धमकी दी कि भविष्य में भी अजनाला जैसी घटना हो सकती है। अमृतपाल सिंह एक एनआरआई है, जो दुबई में ट्रक ड्राइवर था। वहीं पर वह आईएसआई के संपर्क में आया। उससे कहा गया है कि वह धर्म के नाम पर भोले-भाले सिख युवाओं को एकत्रित करे। इसके लिए आईएसआई पैसा खर्च करेगी।