पंजाब में बड़ा पेंशन स्कैम उजागर, 90 हजार मृत पेंशनर्स को पेंशन
पेंशन ले रहे लाभार्थी सूची में कई खामियां
देश की केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग व जरूरतमंद लोगों के लिये कई तरह की योजना चलाई जा रही हैं। जिसमें फ्री राशन तथा पेंशन की योजना खास तौर पर जरूरतमंद लोगों के लिए उपलब्ध करवाई जाती हैं। समय – समय पर ऐसी सरकारी योजनाओं में भी भ्रष्टाचार होने की खबरें सामने आती रहती हैं। आमतौर पर चुनावों के कुछ समय पहले इलाके नेता उन अयोग्य लोगों को लाभार्थी कार्ड जारी करवा देते हैं। सरकारी सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार के कारण आर्थिक स्थिति से मजबूत लोग भी पेंशन या फ्री राशन जैसी सरकारी योजना का लाभ उठाते रहते हैं। इस भ्रष्टाचार के कारण सरकारी योजना के सही हकदार लोग वंचित रह जाते हैं। वह सरकारी योजना का लाभ लेने के लिये दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते हैं। लेकिन दूसरी तरफ नेताओं और सरकारी कर्मियों के नजदीकी लोगों को घर में बैठे ही इस योजनाओं का लाभ मिल जाता हैं।
पंजाब में सामाजिक सुरक्षा- महिला बाल विकास विभाग के एक सर्वे में बड़े स्तर पर पेंशनर की सूची में भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ हैं। वर्ष 2020 में भी विभाग के साथ बड़े पैमाने पर धन की चोरी का मामला सामने आया था, जिसमें 70,137 “फर्जी” पेंशनभोगियों की पहचान की गई थी, जिसमें अवैध रूप से वृद्धावस्था पेंशन में 162.35 करोड़ रुपये ले लिये गये थे। इन अपात्र पेंशनर पर करोड़ो रुपये का बकाया अभी तक बसूल नहीं किया जा सका। पंजाब सरकार ने जून 2017 में संदिग्ध पेंशनभोगियों की जांच और पहचान करने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी। लेकिन फर्जी पेंशनभोगियों ने अवैध रूप से पेंशन लेना जारी रखा। इस बार भी पंजाब में सामाजिक सुरक्षा और महिला और बच्चों के विकास विभाग के साथ बड़े पैमाने पर धन की चोरी का मामला सामने आया है। बुजुर्गों, विधवाओं, आश्रित बच्चों व विकलांगों को दी जाने वाली पेंशन सूची में भी कई खामियां पाई गई। पंजाब में पेंशन सूची के जाँच सर्वे दौरान 90 हज़ार से ज्यादा ऐसे लाभार्थी पाए गये, जिनकी मृत्यु हो चुकी हैं। लेकिन उनके परिजनों ने विभाग और बैंक को इसकी जानकारी नहीं दी। जिसके चलते मृत हो चुके लोगों के नाम पर आने वाली पेंशन उनके परिजन हासिल करते रहे। विभाग मृत पेंशनर के बैंक खातों में पेंशन हर महीने भेजता रहा। इसी तरह चाइल्ड डेवेलपमेंट प्रोग्राम अफसर की तरफ से आँगन बाड़ी स्टाफ की मदद से आश्रित बच्चों को मिलाने वाली आर्थिक सहायता के मामले में घर घर जाकर जाँच की गई। इसमें 657 आश्रित बच्चे ऐसे पाये गये, जिनकी आयु 21 वर्ष से ज्यादा हैं। इसी तरह अंपगता पेंशन के मामले में हुई जाँच में 2,890 केस ऐसे हैं, जिनमे ज्यादातर पेंशनर की मृत्यु हो चुकी हैं। जिन मृतकों के पेंशन खातों में राशि पड़ती रही हैं, उसकी रिकवरी के लिये विभाग ने जिला अफसरों को पत्र जारी किये हैं। जिला अफसरों को संबंधित बैंकों से अवैध रूप से पेंशन लेने वाले पेंशनभोगियों से रिकवरी करवाने को कहा गया हैं।
विभाग ने तकनिकी गड़बड़ियों वाले 8,827 मामलों में पेंशन रद्द कर दी हैं। अब इन 8,827 अवैध रूप से पेंशन लेने वाले पेंशनर्स से भी रिकवरी करने की बात की जा रही हैं। सामाजिक सुरक्षा के विभाग के अफसरों के मुताबिक अब इन ऐसे मामलों में रिकवरी की जायेगी। जाँच में मृतक पाये गये पेंशनर की पेंशन काट दी गई हैं। विभाग ने ऐसे मामलों में करवाई शुरू कर दी हैं। पंजाब के 30 लाख से ज्यादा पेंशन धारकों का रिकार्ड घर घर जाकर जांचा गया। जाँच सर्वे के बाद 5,791 विधवा पेंशन को भी बंद कर गया हैं। इनमें ज्यादातर पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी हैं और कई विधवाओं ने पुर्नविवाह करने के बाद भी विभाग को सूचित नहीं किया।
पंजाब के कई जिलों में लाखों पेंशनर्स को मृत्यु हो चुकी हैं। विभाग द्वारा पेंशनर सूची की जाँच सर्वे में संगरूर जिले में 11,673 केस ऐसे पाये गये, जिनमें पेंशनर्स को मृत्यु हो चुकी हैं। जिला जांलधर में 10,552 पेंशनर्स मृत पाये गये। जिला लुधियाना में 8,672 केस में पेंशनर की मृत्यु हो चुकी हैं। अमृतसर जिले में 5,661 केस पाये गये हैं। मोगा में 5,558, पटियाला जिले में पांच हजार से ज्यादा पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी हैं। जिला रोपड़ में 5,331 केस, नवांशहर जिले में 4,942 और गुरदासपुर जिले में 4 हजार से ज्यादा केस पाये गये हैं। इसी तरह जिला तरनतारन में 3,828, जिला कपूरथला में 3,821, पठानकोट जिले में 3,461 केसों में पेंशनर मृत पाये गये। बरनाला जिले में 2,578 के आलावा मानसा जिले में 2 हजार से ज्यादा केस मिले हैं। विभाग द्वारा पेंशनर सूची की जाँच में फरीदकोट, बठिंडा, होशियारपुर, फाजिल्का, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर में भी बहुत से केस मिले है, जिनमें पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी हैं। हैरानीजनक बात यह हैं कि वर्ष 2022 में अवैध रूप से पेंशन लेने वाले पेंशनभोगियों की सूची में संगरूर जिला पहले नंबर पर हैं। 11,673 पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी हैं। इन के खातों में पेंशन आ रही थी। वर्ष 2020 में सामने आई रिपोर्ट में अवैध रूप से पेंशन लेने वाले पेंशनभोगियों की सूची में भी संगरूर जिला टॉप पर था। उस समय संगरूर जिले में 12,573 अवैध रूप से पेंशन लेने वाले पेंशनभोगी पाये गये थे। सामाजिक सुरक्षा विभाग के मुताबिक पंजाब राज्य के विभिन्न जिलों में पेंशनरों की सूची में जो पेंशनर्स मृतक पाये गये हैं, उनकी पेंशन बंद कर दी गई हैं। विभाग इस बात का ध्यान रख रहा हैं कि जरूरतमंद और योग्य लोगों को ही पेंशन योजना का लाभ मिल सके।