
पंजाब की जेलों से चल रहा हैं आपराधिक सिंडिकेट
जेलों से होता है अवैध हथियारों व नशे का कारोबार
पंजाब की जेलों से आये दिन बड़ी संख्या में मोबाइल व नशीले पदार्थों का पकड़ा जाना बहुत ही चिंताजनक हैं आज के दौर में अलग अलग आपरधिक मामलों में सज़ा भुगत रहे दोषियों या विचाराधीन कैदियों के लिये जेल एक आराम स्थली बन गई हैं। जेलों में पैसे अदा कर हर तरह का नशा, मोबाइल और अन्य बस्तुयें आम उपलब्ध हो जाती हैं। पंजाब की जेलों में मोबाइल कल्चर दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा हैं। इसके चलते कई बार जेलों में बंद गैंगस्टरों द्वारा सोशल मिडिया के जरिये लोगों को धमकियां दिए जाने के मामले सामने आते रहते हैं। हैरानी जनक बात यह हैं कि पंजाब में होने वाली कत्ल की वारदातों की जिम्मेदारी भी जेल में बैठे गैंगस्टर लेते रहते हैं। हाल ही में गुजरात के बंदरगाहों से भारतीय तटरक्षक बल ने गुजरात पुलिस की ए टी एस की टीम के साथ मिलकर करीब 200 करोड़ रुपये का ड्रग्स जब्त किया। गुजरात पुलिस के डी जी पी ने खुलासा किया कि पंजाब की जेलों से कई ड्रग्स के सिंडिकेट चल रहे हैं। उन्होंने बताया की जाँच में यह सामने आया कि पंजाब के फरीदकोट, अमृतसर, कपूरथला की जेलों में बैठे अपराधी ड्रग्स सिंडिकेट को बिना खौफ ऑपरेट कर रहे हैं। पुलिस डी जी पी के मुताबिक इन ड्रग्स को पाकिस्तान और अन्य देशों से सिंडिकेट से जुड़े लोग भारत में मंगवाते हैं। जेल में बंद अपराधी मोबाइल फोन से व्हाट्सएप कॉल के जरिये भारत के अलग अलग शहरों में ड्रग्स की खेप को डिलीवर किया जा रहा हैं। पिछले कुछ महीने पहले कपड़े के कंटेनरों में ड्रग्स की बड़ी खेप जब्त की गई। इसमें भी पकड़े गये आरोपी का लिंक पंजाब की फरीदकोट जेल में पाया गया।
पंजाब में कुछ दिन पहले एक वीडियो वारयल हुआ जिसमे अमृतसर के एक गांव के सरपंच सुख रंधावा पर किसी मामले को लेकर कुछ लोगों द्वारा मामला दर्ज करने की मांग की गई। इसके बाद पांच दिन जेल में बंद रहे सरपंच ने बाहर आकर मिडिया के सामने आकर जेल के कुछ खुलासे किये। सरपंच ने कैमरे में खुलासा किया कि जेल में बड़े स्तर पर नशे का कारोबार होता हैं। जेल के अंदर पैसों की अदायगी कर हर तरह का नशा और मोबाइल कैदियों को उपलब्ध करवा दिया जाता हैं। सरपंच सुख रंधावा ने बताया कि नशीली गोली का पैकेट जो 20 रुपये में मिलता हैं, वहीं जेल के अंदर 500 रुपये में मिल जाता हैं। बाज़ार में जो मोबाइल 2000 रुपये में मिल जाता हैं, जेल के अंदर मोबाइल 35000 रुपये में बेचा जाता हैं। 20 हज़ार वाला मोबाइल एक लाख में उपलब्ध करवाया जाता हैं। रंधावा ने जेल प्रशासन के नाकाम सिस्टम में अधिकारियों की मिलीभुगत कई तरह के सवाल खड़े किये। अब उन्होंने इसके खिलाफ आवाज़ उठाते हुए इलाके की हाईवे सड़क पर साइन बोर्ड लगाने शुरू कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि जिस जेल में वह पांच दिन रहे हैं, वह जेल करीब 65 एकड़ में बानी हुई हैं। पंजाब सरकार राज्य से नशा खत्म करने की बात करती रहती हैं। वह सरकार से सवाल करना चाहते हैं कि प्रदेश की सभी जेलों का सिस्टम पूरी तरह से सरकार के कंट्रोल में रहता हैं। पंजाब सरकार सबसे पहले जेलों में चल रहे नशे के कारोबार को खत्म करें।
सोचने वाली बात यह हैं कि अगर जेल में खुलेआम नशे का कारोबार चल रहा हैं। मोटी रकम लेकर मोबाइल उपलब्ध करवाये जाते हैं। यह सब बिना प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभुगत के नहीं हो सकता। पंजाब में समय समय पर जेलों के अंदर कैदियों से मोबाइल और नशीले पदार्थ पकड़े भी जाते हैं। अखबारों में जेलों से स्पैशल पुलिस की रेड के दौरान बड़ी संख्या में मोबाइल और नशा पकडे जाने की खबरें आम पढ़ने को मिलती रहती हैं। पंजाब से लगातार जेल में कैदियों द्वारा फोन के इस्तेमाल की खबरें सामने आ रही हैं। जेल प्रशासन की सख्ती के बावजूद बड़ी संख्या में कैदी जेल में फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तरह की घटनाओं का बार-बार सामने आना अब जेल अधिकारियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। एक बार फिर फरीदकोट सेंट्रल जेल के कैदियों से मोबाइल फोन बरामद किए गए। अगस्त महीने में फरीदकोट सेंट्रल जेल से करीब 40 मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। इस के चलते 23 कैदियों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
फरीदकोट सेंट्रल जेल की तरह 7 अगस्त को पटियाला सेंट्रल जेल से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। पुलिस विभाग की छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने जेल से 19 कीपैड वाले फोन बरामद किए गए थे। गौरतलब बात यह हैं कि यह सभी फोन जेल की दीवारों और जमीन में बनाए गए छोटे छेदों के अंदर छिपा कर रखें गये थे।इस से पता चलता हैं सिस्टम कितना करपट हो चुका हैं। कुछ हफ्तों में इस जेल से मोबाइल फोन, कैश और ड्रग की जब्ती के कई मामले सामने आए हैं। पंजाब की जेल में इतनी बड़ी संख्या में लगातार हो रही मोबाइल फोन की बरामदगी से जेल अधिकारियों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठते रहते हैं। पंजाब सरकार की सख्ती और चौकसी के बाद भी जेल के अंदर कैसे कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर पा रहे हैं। इन घटनाओं ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था में खामियों की पोल खोलकर रख दी है। पंजाब की जेलों में कैदियों को प्रतिबंधित चीजें आसानी से हासिल होने की खबर के बारे में प्रशासन को पता ना होना बड़ी चिंता को उजागर करता है।
पंजाब की जेलों से गतिविधियां चलाने वाले गैंगस्टरों और अपराधियों के गठजोड़ के तोड़ने के लिए सरकार ने 16 मार्च से 10 मई तक एक विशेष मुहिम चलाई। इस विशेष मुहिम के अंतर्गत पुलिस ने अब तक जेलों से 710 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इसी बीच जेलों से वीआईपी कल्चर को जड़ से मिटाने के लिए पंजाब सरकार ने सभी वीआईपी सेलों को खत्म करने और इनको प्रशासनिक ब्लॉकों में बदलने का निर्णय लिया है। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया को बताया कि इन मोबाइल फोनों का प्रयोग गैंगस्टर और तस्कर जेलों से अपनी कार्यवाहियों को चलाने के लिए करते थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन व्यक्तियों के नाम पर जेलों में पकड़े यह फोन नंबर चल रहे हैं, उनको भी पकड़ने के लिए विशेष जांच चल रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ भी जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। भगवंत मान ने यह भी कहा है कि पंजाब की जिन जेलों से मोबाइल बरामद हुए हैं, उनके अधिकारियों और स्टाफ की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
पंजाब की जेलों से गतिविधियां चलाने वाले गैंगस्टरों और अपराधियों के गठजोड़ के तोड़ने के लिए सरकार ने 16 मार्च से 10 मई तक एक विशेष मुहिम चलाई। इस विशेष मुहिम के अंतर्गत पुलिस ने अब तक जेलों से 710 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इसी बीच जेलों से वीआईपी कल्चर को जड़ से मिटाने के लिए पंजाब सरकार ने सभी वीआईपी सेलों को खत्म करने और इनको प्रशासनिक ब्लॉकों में बदलने का निर्णय लिया है। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया को बताया कि इन मोबाइल फोनों का प्रयोग गैंगस्टर और तस्कर जेलों से अपनी कार्यवाहियों को चलाने के लिए करते थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन व्यक्तियों के नाम पर जेलों में पकड़े यह फोन नंबर चल रहे हैं, उनको भी पकड़ने के लिए विशेष जांच चल रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ भी जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। भगवंत मान ने यह भी कहा है कि पंजाब की जिन जेलों से मोबाइल बरामद हुए हैं, उनके अधिकारियों और स्टाफ की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि जेलों में करपट हो चुके सिस्टम को कैसे दरुस्त किया जायेगा। क्या सरकार पंजाब की जेलों में चल रहे अवैध नशे के कारोबार व आपराधिक गतिविधियों को रोकने में कामयाब हो पायेगी। यह तो भविष्य में पता चलेगा। लेकिन इस सबको रोकने के लिए पंजाब की जनता को भी आगे आना पड़ेगा और प्रशासन का सहयोग देना होगा। सारा पंजाब फ़ैल रहे नशे के कारोबार से दुखी और चिंतित हैं।