खतरनाक अपराधी दीपक टीनू के पुलिस गिरफ्तारी से फरार होना
आख़िर कलंकित करने वालों की मंशा क्या थी ?
पंजाब में गैंगस्टरों, ड्रग डीलरों, ठगों, लुटेरों का बढ़ना साबित करता है कि इसकी सुरक्षा व्यवस्था पर ग्रहण लग गया है। इसके जिम्मेदार वह कुछ अधिकारी व कर्मी हैं जो पंजाब पुलिस में डियूटी करते हुये किसी तरह के लालच में आ जाते है। इन्हीं कारणों के चलते आज जनता तो सुरक्षित नहीं है, लेकिन जुल्म करने वाले बेहद सुरक्षित हैं। आज दैनिक समाचार पत्र के पन्ने किसी न किसी उत्पीड़न की खबरों से भरे पड़े हैं। अब आपरधिक लोगों के हौंसले इतने बढ़ गये है कि उनके लिए इंसान गाजर-मूली जैसा हो गया है, आप जब चाहें इसे काट सकते हैं। आज जो भी पकड़ा जा रहा है, ऐसा कोई नहीं है जिसका पहले तीन-चार मामलों में नाम न हो।
यह कितना आश्चर्य की बात है कि यह सब पंजाब पुलिस की निगरानी में हो रहा है, जिसने पंजाब में फैले आतंकवाद को खत्म किया था, जिसके सैकड़ों अधिकारियों और कर्मचारियों ने बलिदान दिया था। आज जब कोई पुलिसकर्मी रिश्वत लेते पकड़ा जाता है या किसी ऐसी गतिविधि में सहयोग कर रहा होता है जो मानवता विरोधी हो तो बहुत खेद की बात है। गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी और शार्प शूटर दीपक टीनू के पुलिस हिरासत से फरार हो जाने पर पंजाब पुलिस की वर्दी पर कल एक और दाग लग गया। इस मामले में लापरवाही का आरोपी सीआईए मनसा के प्रभारी उपनिरीक्षक प्रीतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ थाना शहर-1 मानसा में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। देर शाम गौरव यादव को डीजीपी पंजाब के आदेश के तहत धारा 311 के तहत नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। गौरतलब है कि मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता लॉरेंस बिश्नोई का साथी और एक खतरनाक अपराधी दीपक टीनू बीती रात उस समय फरार हो गया। अपराधी दीपक टीनू को अपनी कार में बैठा सीआईए का प्रभारी सफर करता रहा और बिना अनुमति, बिना हथकड़ी और बिना सुरक्षा के किसी स्थान पर ले गया। गैंगस्टर के फरार होने को लेकर चल रही चर्चा पुलिस अधिकारियों के सामने बड़े सवाल खड़े कर रही है। हालांकि यह तो गिरफ्तार सब इंस्पेक्टर से पूछताछ के बाद ही पता चलेगा कि वह टीनू को कहां और क्यों ले जा रहा था।
गौरतलब है कि यह अपराधी 2017 की शुरुआत में हरियाणा पुलिस की हिरासत से फरार हो गया था। उसे पिछले कुछ दिनों में मानसा पुलिस ने मूसेवाला हत्याकांड में गिरफ्तार किया था। 27 सितंबर को, जिला पुलिस ने सरदुलगढ़ थाने में 2019 के हत्याकांड में उसका नाम लिया और उसे गोबिंदवाल साहिब जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाया। कोर्ट में पेश करने के बाद टीनू को सीआईए स्टाफ के यहां पूछताछ के लिए रखा गया था। आपको बता दें कि मूसेवाला हत्याकांड में 4 जुलाई 2022 को पंजाब पुलिस टीनू को गिरफ्तार कर प्रोडक्शन वारंट पर तिहाड़ जेल से लाई थी। पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट के मुताबिक टीनू लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया का करीबी है और उनके साथ अलग-अलग जेलों में बंद था। उसके पास से पिछले महीने जेल में एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया था। उसके भागने के बाद मनसा पुलिस मुश्किल में है, वहीं सोशल मीडिया पर पंजाब सरकार और पुलिस महकमे के खिलाफ तीखे कमेंट्स किए जा रहे हैं।
उधर, देर शाम उपायुक्त के कांफ्रेंस हॉल में प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस अधिकारियों ने ज्यादातर सवालों को यह कहकर टाल दिया कि मामले की जांच चल रही है. गुरमीत सिंह चौहान एआईजी (एजीटीएफ) ने कहा कि डीजीपी पंजाब और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की पहल पर हरियाणा और दिल्ली स्पेशल सेल की पुलिस टीमों द्वारा उत्तर भारत के कई राज्यों में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। मामले को देखते हुए पंजाब में अलर्ट जारी कर दिया गया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मामला मिलीभगत का लग रहा है, जिसकी गंभीरता से जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तारी के बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस घटना से मुसेवाला हत्याकांड की जांच प्रभावित नहीं होगी क्योंकि जांच पहले ही पूरी हो चुकी है। अब सवाल तो यह पैदा होता हैं कि अगर यदि जांच पूरी हो गई तो इन आरोपियों को अन्य अत्याचारों के बारे में चिंता व्यक्त करने के लिए थानों में रखा गया है या फिर यह उन्हें इस तरह की सुरक्षा प्रदान करने का एक गुप्त रूप है। जिसके तहत वे पुलिसकर्मियों की छत्रछाया में जहां चाहें घूम सकते हैं। आज पंजाब की धरती पर हो रहे अत्याचारों का मुख्य कारण यह सामने आया है कि इन गैंगस्टरों को हिम्मत कौन दे रहा है, नहीं तो उनके पास पंजाब पुलिस जैसी हिम्मत और बड़े हथियार नहीं हैं। सिद्धू मूसेवाला केस के बाद ये साफ हो गया है कि इनके प्रदर्शन का सफर देसी पिस्टल से लेकर AK-47 जैसी बंदूकों तक पहुंच गया है। आज जो भी नशीला पदार्थ जब्त किया जाता है, जो भी हथियार जब्त किए जाते हैं, कहा जाता है कि वे पाकिस्तान से सीमा पार से आ रहे हैं। लेकिन आज आतंकवाद के दिनों से सीमा पार के युग को शुरू हुए चालीस साल हो गए हैं, लेकिन इसे रोका नहीं जा सका। आखिर सीमा का क्षेत्रफल कितना है और उस पर पहरा कितना है, इसके बावजूद सब कुछ आ रहा है, अगर आ रहा है तो सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी को मजबूत करने की जरूरत है।