पंजाबी गानों में गन कल्चर और नशे का गुणगान तबाही में ले जा रहा हैं ?
रोका न गया तो पंजाबी युवा का नुक्सान होगा
अगर पहले के समय पंजाबी गानों को सुना जाये तो कुछेक को छोड़ कर सभी गानों में पंजाब का कुदरत से जुड़ा कल्चर दिखाई देता था। पंजाबी गानों में किसान की मेहनत दिखाई देती थी। पंजाबी गानों में मेहनतकश पंजाबी का जनून दिखाई देता था। सोहनी महिवाल का प्यार दिखाई देता था। हर एक शब्द की गहराई में पंजाब की विरासत झलकती थी। पंजाबी गानों में माँ की ममता व माँ के प्रति फर्ज को दिखाया जाता था। पंजाबी सिंगर की संख्या कम थी, लेकिन एक – दो को छोड़ सभी हर उम्र के लोगों के चहेते थे। यह भी सत्य हैं कि वह पंजाब के युवा के भविष्य को नुकसान नहीं पहुंचा रहे थे। आज के दौर में पंजाबी गानों में उल्टी तस्वीर दिखाई देती हैं।
अगर हम आज के दौर में देखें तो ज्यादातर पंजाबी गानों में गन कल्चर और नशे का गुणगान किया जाता हैं। पंजाबी गानों में इतना बड़ा बदलाव आया कि पंजाब के ज्यादातर युवा प्रभावित है। पंजाबी पॉप गानों में दिखाया जा रहे हाई फाई लाईव स्टाईल और गन कल्चर से छोटी छोटी उम्र के बच्चे भी बेहद प्रभावित हो रहे हैं। टी वी और मोबाईल पर गन कल्चर वाला गाना बच्चे सुन कर सिंगर की नक़ल करते हुये गुन गुनाने लगते हैं।
परिवार वाले भी अपने बच्चे को एक्टिव देख खुश होते हैं और उसे घर के किसी समारोह में रिश्तेदारों के सामने गन कल्चर वाले गानें की नक़ल करते हुये गाने की कहते हैं। परिवार के लोग यह नहीं सोचते कि उनके बच्चे के दिलों दिमाग पर कैसी छवि बन रही हैं। उनको व बच्चे को भविष्य में कितना बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। पंजाबी गानों में जिस तरह बंदूक हिंसा और गैंगस्टर संस्कृति का गुणगान हो रहा हैं, उसे कभी भी नजरअंदाज नही किया जा सकता।
पंजाबी पॉप गानों में ज्यादातर सिंगर महंगी गाड़ी, महंगे कपड़े, जुते, महंगी घड़ी, एक दो किलो सोने की चेन के साथ अपने आपको एक बॉस की तरह पेश करते हैं। ऐसे दिखाया जाता, वह किसी को भी थप्पड़ मार सकता हैं। किसी को भी गीली मार सकता हैं। पंजाबी गाने में खुद को एक सुलझे हुये गैंगस्टर की तरह पेश किया जाता हैं। पंजाबी पॉप गानों में बंदूक, राइफल, तेजधार हथियार से मारपीट व हत्या दिखाना आम बात हो गई हैं। पंजाबी गानों में यह सबकुछ निडर और जिद्दी जाट सिखों को टाररगेट कर दिखया जाता हैं। जिस तरह आज के दौर में लोगों ने आई फोन को एक स्टेटस सिंबल बना लिया हैं। उसी तरह पंजाबी सिंगरों ने बंदूक और राइफल को स्टेटस सिंबल बना लिया हैं। अभी हाल ही में पंजाबी युवाओं में लोकप्रिय गायक मुसेवाला की गोलियां मार कर हत्या कर दी गई। लोकप्रिय गायक मुसेवाला की हत्या का मामला इतना बढ़ गया कि प्रशासन के पूरे सिस्टम को हिला कर रख दिया। दुनिया भर में गायक मुसेवाला की हत्या का मामला हैडलाईन बना हुआ था। दुनिया भर में पहचान बनाने वाले गायक की हत्या से हर कोई दुःखी था। सोशल मिडिया में हर व्यक्ति घटना के बारे में जानना चाहता था।
कोरोना काल के लॉकडाउन के दौरान फायरिंग रेंज पर ए के 47 राइफल का उपयोग करने की गायक मुसेवाला की रिकाडिंग सोशल मिडिया पर लोकप्रिय होने के बाद पंजाब पुलिस ने संगरूर और बरनाला में मुकदमा दर्ज कर लिया। उस समय गायक मुसेवाला को कोई चिंता नहीं थी। लेकिन वह कुछ टाइम के लिए अंडरग्राउंड हो गये। गायक मुसेवाला की हत्या के मामले का असर सरकार पर दिखाई दिया। पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री ने पंजाबी संगीत इंडस्टी से जुड़े संगीतकारों को गन कल्चर से दूरी बनाने की चेतावनी जारी की। पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ पुलिस प्रशासन को निर्देश दिये कि संगीतकारों के शराब, ड्रग और हिंसा से भरे गानों को सार्वजनिक जगहों पर बजाने से रोका जाये।
सोशल मिडिया पर अलग अलग प्लेटफार्म का उपयोग कर गैंगस्टर बिना खौफ के बंदूक, राइफल, तेजधार हथियार के साथ पोज देते हैं। उनके समर्थक फोलो करते हैं। वैसे तो पंजाब सरकार ने राज्य में गैंगस्टर के खिलाफ बिशेष अभियान शुरू कर दिया हैं। गायक मुसेवाला की हत्या के बाद कई गैंगस्टर को गिरफ्तार किया जा चुका हैं। देश के गृहमंत्री के आदेश के बाद देश की एंजेसी भी गैंगस्टर की गिरफ्तारी में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। इस सब के बावजूद काफी कुछ करने की जरूरत हैं। जिस से देश के युवा को गुमराह होने से बचाया जा सके।