पंजाब के पुलिस थाने से लोगों के जमा हथियार गायब होने लगे
भारत देश और राज्यों में आमतौर पर समय समय पर चुनाव आते रहते हैं। जब चुनाव का मौसम आता तो सरकार सुरक्षा कारणों के चलते लोगों को अपने लाइसेंसी हथियार पुलिस थानों में जमा करने के आदेश जारी करती हैं। यह प्रकिया चुनाव से पहले शुरू हो जाती हैं। इलाके का पुलिस थाना पूरी डिटेल के साथ लोगों का लाइसेंसी हथियार माल गोदाम में जमा कर लेता हैं। हाल ही में पंजाब के बंठिडा जिले में थाना दियालपुरा से लोगों के लाइसेंसी हथियार गायब होने का मामला सामने आया हैं। मिडिया से मिली जानकारी के मुताबिक 12 लोगों के लाइसेंसी हथियार के करीब थाने के माल गोदाम से गायब हैं। पंजाब पुलिस को इस मामले का तब पता चला, जब थाने में जमा हथियारों में से एक 32 बोर पिस्टल नशा तस्कर से पकड़ा गया। नशा तस्कर से पुलिस थाने में जमा 32 बोर का पिस्टल का मिलना संगीन मामला हैं। पता चला हैं कि रामपुरा फूल इलाके से एक व्यक्ति को नशे की गोलियों के साथ पकड़ा गया और उससे 32 बोर का पिस्टल भी बरामद हुआ। जब पुलिस ने नशा तस्कर से पकड़े इस हथियार की जांच की तो यह हथियार प्रीतम सिंह नाम के व्यक्ति का निकला। पुलिस ने प्रीतम सिंह को फोन किया गया तो उसने बताया कि उसका लाइसेंसी पिस्टल दियालपुरा थाना में जमा हैं। उसके बाद प्रीतम सिंह ने पुलिस को सारी जानकारी दी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत बठिंडा एसएसपी ने एसआईटी टीम का गठन किया। शुरुवाती जाँच में थाने के मुंशी को सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जा रहा हैं कि थाने का मुंशी पुलिस कर्मी पिछले कई दिनों से ड्यूटी से गैर हाजिर चल रहा है। अब पुलिस टीम आरोपित पुलिस कर्मी को हिरासत में लेने के लिए छापामरी भी कर रही है। इसी तरह जलाल गांव के मास्टर भजन सिंह ने एसएसपी बठिंडा को शिकायत दी थी कि जब उनका बेटा साल 2020 में कनाडा पढ़ने गया तो उसने भारत छोड़ने से पहले दयालपुरा थाने में अपना हथियार जमा करवा दिया था। उनके बेटे ने भजन सिंह को हथियार बेचने के लिए पावर ऑफ अर्टानी भी दी थी। भजन सिंह ने शिकायत में कहा है कि मार्च 2022 में जब उसने हथियार वापस लेने के लिए आवेदन किया तो पुलिस ने जानकारी दी कि हथियार मिल नहीं रहा है। ऐसे ही एक अन्य मामले में कोठा गुरु का गांव के गुरजीत सिंह का हथियार उनकी मौत के बाद दयालपुरा के उसी थाने में जमा कराया गया था। उसके बेटे मनजिंदर सिंह ने बाद में अपने पिता का हथियार वापस लेने के लिए पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया। मनजिंदर सिंह ने बताया कि जब वह थाने गया तो मुझे एक बॉक्स में हथियार सौंपा गया था। घर लौटने के बाद मैंने डिब्बा खोला तो उसमें हमारे द्वारा जमा की गई पिस्तौल नहीं थी। इस बीच पुलिस ने दावा किया है कि लापता हथियारों की छानबीन शुरू कर दी गई है।
इस मामले में को लेकर लोगों में भी काफी रोष पाया जा रहा है। लोगों को समझ नहीं आ रहा कि आखिर उनके पुलिस थाने में जमा कवराए गए हथियार कहां गायब हो गये। पंजाब के पुलिस थाने में हुई इस घटना ने कई सवाल भी खड़े कर दिये हैं। थाने में इस तरह से हथियारों का गायब होना बड़ी चिंता कारण बन सकता हैं। राज्य में इस घटना से पुलिस उच्च अधिकारियों की चिंता बढ़ गई हैं। इसी तरह थाना रायकोट का एक पुराना मामला हैं। रायकोट थाना सदर से एक स्टेनगन और 20 कारतूस गायब होने के मामले में 18 साल बाद तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया हैं। थाना रायकोट के ASI मनोहर लाल ने मीडिया को बताया कि स्टेनगन और 20 कारतूस गायब होने के मामले में हवलदार जगरूप सिंह, हवलदार राजिंदरपाल सिंह और SPO अजीत सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया हैं। इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार AIA पंजाब जालंधर छावनी टीम ने बर्ष 2004 में पुलिस जिला जगराओं के हथियारों का वार्षिक निरिक्षण किया। विभागीय टीम ने निरिक्षण में पाया कि एक स्टेनगन और 9 एम एम के 20 कारतूस को पेश नहीं किया गया। मामले में यह भी पता चला हैं कि रायकोट थाने के प्रभारी सब इन्स्पेक्टर कश्मीर सिंह के आदेश पर बर्ष 1997 को स्टेनगन, एक मैगजीन और 20 कारतूस राजिंदरपाल सिंह ने SPO अजीत सिंह को आंवटित की थी। हंलांकि एसपीओ अजीत सिंह ने अपने ब्यान में बताया था कि उसने दिंसबर 1997 में ही यह स्टेनगन थाने में जमा करवा दी थी। निरिक्षण के बाद स्टेनगन के गायब होने का पता लगाने के लिये कमेटी का गठन किया गया। कमेटी की रिपोर्ट में पुलिस कर्मियों की कार्यप्रणाली को लेकर लापरवाही पाई गई।
पंजाब में ऐसा ही एक अन्य मामला सामने आया हैं, जिसमें सरकारी एके-47 और एक कारबाइन के गायब होने की बात कही जा रही हैं। हलाँकि बाद में गायब एके-47 और कारबाइन को बरामद कर लिया गया। इसके बाद कोई कारवाई नहीं की बल्कि संबंधित थाना अधिकारी ने अपने स्तर पर ही मामले को दबा दिया। उक्त सरकारी हथियार मिलने के बारे में थाने के रोजनामचा रजिस्टर में कोई रपट भी दर्ज नहीं की गई। मीडिया से पता चला हैं कि पिछले दिनों पंजाब पुलिस की भर्ती के पेपर चल रहे थे। उस समय थाना नथाना पुलिस के कर्मियों की डयूटी भी सेंटरों पर लगी हुई थी। इसी दौरान थाना नथाना में तैनात पंजाब होमगार्ड जवान बलजिंदर सिंह थाने से एके-47 और एक कारबाइन ले गया। जब पुलिस ने सरकारी हथियारों के बारे में थाने में जांच की तो मामला सामने आया। मामले में जांच शुरू हुई तो पंजाब होमगार्ड जवान बलजिंदर सिंह के पास दोनों सरकारी हथियार होने का संदेह पैदा हुआ। जिसके चलते थाना नथाना की पुलिस टीम ने उसके घर में तलाशी ली। इस दौरान उसके घर में रखे एक ट्रंक से एके-47 बरामद की गई।
इसी सब के चलते साल 2019 में चोरी की घटना भी याद आ गई। इसमें छुट्टियां खत्म होने के बाद ड्यूटी पर जा रहा पंजाब पुलिस कमांडो फोर्स चार का सिपाही चोरी का शिकार हो गया था। जब कमांडो फ़ोर्स का सिपाही बस से जा रहा था तो किसी ने उसकी एसाल्ट 47 के साथ 100 जिंदा कारतूर, पुलिस वर्दी एवं चार मैगजीन वाला बैग ही चुरा लिया था। उस समय पुलिस ने लापरवाही बरतने के आरोप में कथित आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ केस दर्ज किया था। गिरफ्तार करने के बाद उससे पूछताछ की गई। उस समय कमांडो को शंका जाहिर की थी कि उसके साथ बस में सवार एक महिला बैग में नगदी समझकर हथियार से भरा बैग चुरा ले गई होगी। जानकारी के मुताबिक कांस्टेबल तस्वीर सिंह बटाला से जालंधर—लुधियाना होता हुआ वापस पटियाला जा रहा था। खन्ना पहुंचने पर उसे पता चला कि उसका सामान गायब है। बहुत खोजने के बाद भी सामान नहीं मिला तो उसने उच्च अधिकारियों को सूचना दी। मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार पंजाब सरकार और डीजीपी पंजाब के निर्देशों पर पूरे राज्य के सिटी थानों से गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव समारोह में व्यवस्था बनाए रखने को सुलतानपुर लोधी में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। समारोह में ड्यूटी खत्म होने पर सभी जवानों ने हैड क्वार्टर में अपनी हाजिरी लगाई पर बटाला निवासी तस्वीर सिंह अपने घर चला गया। छुट्टियां खत्म होने पर सोमवार सुबह वह बस से ड्यूटी पर जाने के लिए रवाना हुआ। हालंकि इस मामले में आगे क्या हुआ इस की जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी।
जब भी ऐसी कोई घटना होती हैं तो यह एक चिंता का विषय बन जाता हैं। अभी थानों से आम लोगों के जमा हथियारों का गायब होना कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। सोचने वाली बात यह हैं कि पुलिस थाने से हथियार कंहा गये। जिस तरह हाल ही में पंजाब के बंठिडा जिले में थाना दियालपुरा में जमा पिस्टल नशा तस्कर के पास कैसे पहुंच गया। इस सब पर पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन को गंभीरता से जांच करनी होगी। हथियार गायब होने के दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी होगी। आपको यह भी बता दें पंजाब सरकार व पुलिस प्रशासन ने बंदूक गन कल्चर खत्म करने के लिये जबरदस्त अभियान चला रखा हैं। पंजाबी गानों और सोशल मीडिया में कुछ वर्षों से गन कल्चर को प्रमोट किया जाना एक समस्या बन चुका हैं। इसी समस्या को खत्म किये जाने की कोशिश की जा रही हैं। इस अभियान के चलते सोशल मीडिया पर गन कल्चर को प्रमोट करने वालों पर कार्रवाई की जा रही हैं। पंजाब राज्य में बंदूक कल्चर खत्म कर अमन-शांति तथा आपसी भाईचारा बरकरार रखने के लिए भड़काऊ भाषण पर पाबंधी लगाई गई है। इसके साथ ही ऐसा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने भी शुरू कर दिए गये हैं।