नशा तस्करी में महिलाओं का शामिल होना बेहद खतरनाक
एक माँ – दूसरी किसी माँ का परिवार उजाड़ने में लगी हैं
भारत देश में महिला को एक देवी का दर्जा दिया गया हैं। हमारे ग्रंथों में महिला को एक शक्ति का रूप बताया गया हैं, जो हर बुराई का डट कर मुकाबला कराती हैं। हमारे देश में आम कहावत हैं की अगर किसी अनपढ़ गांव या मोहल्ले में पढ़ी लिखी महिला आ जाये तो कुछ समय बाद वहां के लोग शिक्षित होने लगते हैं। अगर किसी परिवार में पढ़ी लिखी महिला आ जाती हैं, तो परिवार की पीढ़िया शिक्षित हो जाती हैं। परिवार का रहन सहन बदल जाता हैं। परिवार के बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित हो जाते हैं। पहले समय में मान – सम्मान और इंसानियत को प्रमुखता दी जाती थी। लेकिन आज के दौर में पैसे का बोलबाला हैं। हर कोई आसानी से पैसा कमाना चाहता हैं, फिर इसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े।
आसानी से पैसा कमाने का लालच किस कदर लोगों को प्रभावित कर रहा हैं। इसका उदाहरण नशा तस्करी के मामलों में दिखाई दे रहा हैं। अब नशा माफिया ने इलाकों में नशा तस्करी में पैसों का लालच देकर महिलाओं को भी अपने साथ मिला लिया हैं। देश के कई राज्यों में महिलाऐं नशा तस्करी में पकड़ी जा रही हैं। भारत के पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हिमाचल, जम्मू, गोवा और महाराष्ट्र राज्यों में ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं।
राज्यों में स्थानीय पुलिस ने महिलाओं को बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया जाता रहता हैं। देश में नशा तस्करी में महिलाओं का शामिल होना भविष्य के लिए बहुत खतरनाक हैं। महिलाऐं बेरोजगारी और आर्थिक मजबूरी के कारण नशों की तस्करी में संलिप्त हो रही हैं। नशा तस्करी के अलावा महिलाऐं चोरी और अन्य खतरनाक अवैध कामों में शामिल हैं। आपराधिक मामलों में महिलाओं का शामिल होना बेहद हैरानीजनक हैं। देश में नशीले पदार्थों का अवैध धंधा करने वाले माफिया ने महिलाओं को पैसों का लालच देकर नशा तस्करी करना शुरू कर दिया हैं। इसका मुख्य कारण हैं कि आमतौर पर महिलाओं पर ऐसा किसी प्रकार का शक नहीं किया जाता। देश का माफिया महिलाओं के माध्यम से अलग अलग इलाकों में नशे की सप्लाई करवाना अधिक सुरक्षित मनाता हैं। इसी कारण के चलते अवैध शराब, अफीम, चूरा-पोस्त, हेरोइन, स्मैक, चरस, गांजा जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी महिलाओं से करवाई जा रही हैं। नशा माफिया ने अवैध नशा तस्करी के लिए गांवों की अनपढ़ युवा महिलाओं की पैसों का लालच देकर नशे के धंधे में लगा रहा हैं।
इसी के साथ शहरों में हाई फाई लाइफ के साथ जीवन गुजार रही युवा लड़कियां नशा माफिया के जाल में आसानी से फंस जाती हैं। इसके लिये नशा माफिया से जुड़े लोग कई तरफ के हंथकंड़े अपनाते हैं। कई मामलों में पहले शहरों की पढ़ी लिखी लड़कियों को धीरे धीरे नशे की आदत डाल दी जाती हैं। जब युवा लड़कियां नशे के मायाजाल में फंस जाती हैं, तो फिर उन्हें नशा तस्करी के लिये मजबूर किया जाता हैं। कुछ मामलों में अपनी शानों – शौकत पर लक्ज़री लाइफ पर होने वाले खर्च के कारण आर्थिक तंगी झेल रही लड़कियां पैसों के लालच के चलते नशा तस्करी का धंधा करने लगाती हैं। नशा तस्करी में बड़ी संख्या में महिलाओं का होना सरकारों और पुलिस प्रशासन के लिये बेहद चिंताजनक हैं।
देश के हवाई अड्डों आमतौर पर अन्य दूसरे देशों की महिलाओं को नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा जाता रहता हैं। इसमें जिम्बाब्बे की महिलायें ज्यादा सक्रिय होती हैं। हवाई अड्डों पर महिलाओं से करोड़ो रुपये का नशीला पदार्थ पकड़ा जाता हैं। अब भारत के नशा माफिया ने भी नशा तस्करी के लिए महिलाओं का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया हैं। देश के अलग अलग शहरों में भारतीय महिलाये भी नशीले पदार्थों की तस्करी में पकड़ी जा रही हैं। भारतीय महिलाओं में नशा तस्करी का यह चलन युवाओं और छोटी उम्र के बच्चों के भविष्य को अन्धकार की तरफ ले जायेगा। इस सब पर बुद्दिजीवियों का कहना हैं कि नशा तस्करी में महिलाओं की इतनी ज्यादा सक्रियता को देख यही कहा जा सकता हैं। भारत जैसे देश में नशा तस्करी कर एक माँ – किसी दूसरी माँ का परिवार उजाड़ने में लगी है। परिवार में जब किसी का पति या किसी का बेटा नशे का आदी हो जाता हैं, तो सबसे ज्यादा दुःख एक माँ को ही सहन करना पड़ता हैं। इस नशे के कारण माँ सारी जिंदगी खून के आंसू रोती रहती हैं। दिन – रात अपने पति और अपने बेटों की चिंता कराती रहती हैं।