अब 62 हज़ार फर्जी डिग्रियां बांट कर 180 करोड़ की ठगी
शिक्षा माफिया ने कई राज्यों के छात्रों को शिकार बनाया
भारत देश में शिक्षा माफिया कई राज्यों में अपनी जड़े फैला चुका है। शिक्षा क्षेत्र में धोखाधड़ी करने वाले माफिया का सक्रिय होना देश के भविष्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। यह शिक्षा माफिया छात्रों को बिना कालेज जाये और बिना पढ़ाई किये डी-फार्मा व सी-फार्मा की डिग्रियां देता था। डी-फार्मा व सी-फार्मा की फर्जी डिग्रियां छात्रों को मोटी रकम ले कर बेचीं जाती थी। देश के पंजाब, हरियाणा, छतरीसगढ़, बिहार और राजस्थान के विधार्थियों को 62 हज़ार फर्जी डिग्रियां बांट कर 180 करोड़ रूपये की ठगी की। इससे पहले भी शिक्षा माफिया के फर्जीवाड़े कर फर्जी डिग्रियों के मामले सामने आते रहते है।
स्टेट क्राइम ब्यूरो ने विधालय एवं तकनीकी शिक्षा बोर्ड बिलासपुर ( छतरीसगढ़ ) के चेयरमैन और बोर्ड के अन्य पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। इस धोड़ाधड़ी मामले में देश के कई राज्यों के विधार्थियों को 62 हज़ार फर्जी डिग्रियां देकर 180 करोड़ रूपये की ठगी की गई। हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में डी-फार्मा के रजिस्ट्रेशन के समय डिग्रियों के फर्जी होने का शक पैदा हुई। उसके बाद हरियाणा सी एम के हस्तक्षेप पर स्टेट क्राइम ब्यूरो ने फार्मेसी के डिप्लोमा और डिग्रियों की जाँच शुरू कर दी। क्राइम ब्यूरो की जाँच का दयिरा बढ़ने से शिक्षा माफिया के नेटवर्क का पता चलने लगा। स्टेट क्राइम ब्यूरो ने पता लगाया कि विधालय व तकनीकी और स्टाफ के कुछ लोगों ने मिल कर बाहरी दलालों के जरिये देश पंजाब, हरियाणा, छतरीसगढ़, बिहार और राजस्थान के विधार्थियों को डी-फार्मा व सी-फार्मा की फर्जी डिग्रियां जारी की। इन फर्जी डिप्लोमा और डिग्रियों से करीब 108 करोड़ रूपये की ठगी की गई। विधार्थियों को फर्जी डिग्रियां देने वाला यह शिक्षा माफिया अपने द्वारा जारी किये डिप्लोमा और डिग्रियों को रजिस्ट्रेशन करने के लिये देश के अलग-अलग राज्यों की फार्मेसी काउंसिल में कोशिश करता रहता हैं। हरियाणा सरकार ने 750 मामलों की पहचान कर फिलहाल रोक लगा दी हैं। शिक्षा माफिया ने फर्जी डिग्रियों के जरिये कई राज्यों के विधार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। देश के कई राज्यों से फर्जी सेट्रीफिकेट और डिग्रियों से धोखाधड़ी करने के मामलों के साथ साथ स्कूल-कालेज में टीचर की भर्तियों में भी फर्जीवाड़ा होने की खबरें प्रकाशित होती रहती हैं। हाल ही में बंगाल राज्य का टीचर भर्ती का बड़ा घोटाला मिडिया में छाया हुआ हैं। जाँच एजेंसी द्वारा इस मामले में करोड़ों रूपये की नगदी बरामद की गई हैं। बंगाल का यह शिक्षक भर्ती घोटाला इतना बड़ा हैं, जिसमें राज्य के पूर्व मंत्री को भी गिरफ्तार कर लिया गया हैं।
भारत देश में शिक्षा माफिया अपने फर्जीवाड़े से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधिकार में चला गया हैं। शिक्षा माफिया अलग-अलग तरीकों से कई लाखों करोड़ों की ठगी कर रहा हैं। शिक्षा माफिया का नेटवर्क पूरे देश में फ़ैल चुका हैं, जो दीमक की तरह देश की युवा पीढ़ी के भविष्य को नुक्सान पहुचाने में लगा हैं। इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए हर राज्य सरकारों को एक बड़ा अभियान चलाये जाने की जरुरत हैं।